Monday, September 5, 2011

सुन ले ए खुदा
अपने बन्दों की रजा
मंदिरों और मस्जिदों में ये ढूंढे हैं तुझे
तू रहता है कहाँ
सुन ले ये दुआ
अब आ भी जा
इन भींगी पलकों में
इंतज़ार की हो गयी इन्तेहाँ
बुझ गयी लौ प्यार की
खून का दरिया है बहा
भूल गए तेरे बन्दे तुझे
अब आ भी जा

3 comments:

Saket Ranjan said...

thought provoking. reminds me of bandeh by agni.

Anonymous said...

Nice one dude! As Saket rightly said, very thought provoking.

suvra said...

SHOCKED...bt happy wise...
nice Abhi....:D
keep writing..!!!